मेरी पहली चुदाई प्रीति के साथ - Meri Pehli Chudai Preeti Ke Saath
बात अब से कई साल पहले की है जब मैं सेक्स के बारे में कुछ भी नहीं जानता था। मैंने बारहवीं कक्षा पास की थी तथा कॉलेज में प्रवेश लिया था।
अभी कॉलेज जाते जाते एक महीना ही गुजरा था कि मेरे पड़ोस में रहने वाले एक लड़के की शादी हुई जिसका नाम विक्की था। वो उम्र में मुझसे चार साल बड़ा था। मैं भी उसकी शादी में गया, खूब मज़े किए तथा जब जयमाला का वक़्त आया तो उसकी बीवी को देख कर आँखें खुली रह गई। उसका नाम प्रीति था, वो गज़ब की सुंदर थी, गोरा बदन, उठी हुई चूचियाँ, उभरी हुई गांड, मानो कि स्वर्ग से अप्सरा उतर आई हो। उसकी नशीली आँखें जिसकी तरफ भी देखती थीं वो उसका दीवाना हो जाता था। उसके बॉब-कट बाल उसके चेहरे पर गजब के सुंदर लगते थे। खैर उसकी शादी से में लगभग रात में तीन बजे वापस घर आया पर आँखों से नींद गायब थी। सारी रात उसके बारे में सोच कर गुजार दी, मन में तरह तरह के ख्याल आए कि काश वो मेरी होती। यही सब सोचते सोचते पता नहीं कब नींद आई।
सुबह नौ बजे मैं सो कर उठा तो थोड़ा शोर सुन कर मैं बाहर आया। तो देखा कि विक्की अपनी बीवी को घर लेकर आ गया था। मन हुआ कि एक बार उसकी सूरत देखने को मिल जाये, पर औरतों की भीड़ के कारण मैं उसको देख नहीं पाया।
दो दिन रहने के बाद वो अपने मायके चली गई और मैंने अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना शुरू कर दिया। लगभग दस दिन बाद विक्की ने मुझे अपनी सुसराल चलने के लिए कहा, बोला कि तेरी भाभी को लेने चलना है !
मेरे मन में तो जैसे लड्डू फूटने लगे। मैंने तुरंत हाँ कही और तैयार होकर विक्की के साथ चला गया।
उसकी ससुराल ज्यादा दूर नहीं थी, हम वहाँ पहुँचे तो वहां हमारा खूब स्वागत हुआ और लगभग दो घंटे बाद हम अपने घर के लिए चल दिए।
उस दिन मैंने उसे "भाभी, नमस्ते !" कहा और कोई ज्यादा बात नहीं हुई।
कुछ दिन बीतने के बाद हमारी बातें होनी शुरू हो गई, वो मुझसे मेरे कॉलेज के बारे में पूछती थी या कोई छोटा मोटा काम बता दिया करती थी, पर मेरा मन तो हमेशा भाभी की चूचियों पर अटका रहता था और हमेशा उसको चोदने के बारे में सोचता था। पर मुझे लगता था कि उसकी चूत के दर्शन शायद कभी नहीं होंगे।
एक दिन किस्मत ने साथ दिया, मैं घर पर अकेला था, घर के लोग शादी में गए हुए थे जो कि रात में करीब 11 बजे से पहले वापस आने वाले नहीं थे।
अचानक दरवाजे की घंटी बजी दरवाजा खोला तो प्रीति भाभी दरवाजे पर थी। मैं उसको देखता ही रहा, उसने टोका- अन्दर नहीं आने दोगे क्या ?
मैं शरमा कर पीछे हो गया और वो अन्दर आ गई। उस समय शाम के लगभग छः बजे थे। वो अन्दर आकर सोफे पर बैठ गई, मैं सामने वाले सोफे पर बैठ गया। थोड़ी देर हम दोनों चुप रहे, फिर वो बोली- क्या तुम मुझसे कुछ कहना चाहते हो?
मैंने शरमा कर ना कह दिया। वो मेरी घबराहट समझ गई और मुझसे मेरे कॉलेज के बारे में पूछने लगी।
उसने मुझसे पूछा कि मेरी कोई गर्ल फ्रेंड है क्या?
मैंने मना कर दिया तो वो चौंक कर बोली- मैं यह बात नहीं मान सकती ! आजकल कोई लड़का इतना शरीफ नहीं हो सकता !
मैंने फिर मना किया तो वो बोली- क्या कभी किसी लड़की को किस किया है?
मैं उसकी बात सुन कर हैरान रह गया क्योंकि वो पहली बार मुझसे इस तरह से बात कर रही थी।
मैंने जब मना किया तो वो बोली- अगर मैं तुम्हें यह सब सिखा दूँ तो कैसा रहेगा ?
मैं उसकी बातें सुन कर कुछ भी नहीं बोल पा रहा था, बात घुमा कर मैंने उसे कोल्ड ड्रिंक के लिए पूछा तो वो बोली- जैसे मैं चाहूंगी, वैसे ही पिलानी पड़ेगी !
मैंने हाँ कह दी। फिर मैं दो गिलास में कोल्ड ड्रिंक लेकर आया, उसे एक गिलास दिया तो वो बोली- ऐसे नहीं ! कोल्ड ड्रिंक अपने मुँह में लो और मुझे पिलाओ !
मैंने मना किया तो वो बोली- वैसे ही पिलानी है तो पिलाओ, नहीं तो मैं जा रही हूँ !
मैंने हाँ कही और कोल्ड ड्रिंक अपने मुँह में भर ली। फिर उसने अपना मुँह मेरे मुँह से लगाया और सारी कोल्ड ड्रिंक पी गई। उसके होंट जैसे ही मेरे होंटों से लगे, मेरे पूरे शरीर में एक बिजली सी फ़ैल गई और मैंने उसे हटा दिया। मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि जिसके बारे में सिर्फ सपने में सोचता था वो अचानक मेरी होने वाली थी। फिर उसने मुझे बिस्तर पर चलने के लिए कहा, मैं कुछ नहीं बोला और उसके साथ बिस्तर पर चला गया।
उसके बाद खुद ही उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए और मेरे कपड़े उतारने लगी और बोली- मैं आज तुमको वो सब कुछ सिखा दूँगी जो एक मर्द और औरत के बीच में होता है !
मैं कुछ भी नहीं बोला और मन ही मन में बहुत खुश हो रहा था लो आज मुझे वो सब कुछ मिलने वाला है जिसके बारे में सिर्फ सपने में ही सोचता था।
वो मेरे पूरे कपड़े उतार कर मेरे बराबर में लेट गई और अपने हाथों से मेरे पूरे बदन को सहलाने लगी। उसका हाथ लगने से मेरा लण्ड एकदम टाइट होने लगा, जैसे ही उसके हाथ ने मेरे लण्ड को छुआ, मेरे पूरे बदन में सनसनी सी दौड़ गई और वो मेरा लण्ड पकड़ के एकदम बैठ गई और बोली- हाय ! तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है ? आज सही मायने में मेरी चूत की प्यास बुझेगी !
मैंने कहा- विक्की का लण्ड इतना बड़ा नहीं है क्या ?
तो वो बोली- यदि विक्की का लंड इतना बड़ा होता तो मुझे तुम्हारे पास आने की क्या जरुरत थी !
मैं समझ गया कि वो उसकी प्यास नहीं बुझा पाया है। उसके बाद उसने आधे घंटे तक मेरे लण्ड को मुँह से चूसा। मुझे लगा कि कुछ निकलने वाला है। जब मैंने उससे कहा तो वो बोली- मेरे मुँह में ही निकाल दो !
और मैंने उसके मुँह में सारा माल निकाल दिया और वो सारा का सारा माल पी गई, फिर भी उसने मेरे लंड को चूसना बंद नहीं किया। दस मिनट बाद मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया तो मैं बोला- इस बार भी मुँह में निकालने का इरादा है?
तो वो शरमा कर बोली- नहीं ! इस बार मैं तुम्हें जन्नत की सैर करवाउंगी !
और उसने मेरे पूरे बदन को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया। मेरा लण्ड आपे से बाहर हो रहा था तो मैंने कहा- और कण्ट्रोल नहीं होता !
तो वो नीचे लेट गई और अपनी टांगें फैला दी और मुझे ऊपर आने को कहा। मैं ऊपर आ गया, उसकी दोनों टांगों के बीच में बैठ गया तथा लंड को उसकी चूत के मुँह पर रखा और थोड़ा जोर लगाया तो मेरा लंड उसकी पानी से भरी हुई चूत में बस एक इंच अन्दर गया और मुझे दर्द होने लगा।
मैं रुक गया तो वो बोली- क्या हुआ? मैंने कहा- दर्द हो रहा है !
वो बोली- पहली बार तो थोड़ा दर्द होगा ही ! दुबारा कोशिश करो !
मैंने हिम्मत करके दुबारा लण्ड उसकी चूत के मुँह पर रखा और एक जोरदार धक्का लगाया। इस बार लंड 4-5 इंच अन्दर चला गया पर मुझे दर्द होने लगा। मैंने जैसे ही लण्ड बाहर निकालना चाहा तो उसने मुझे कस के पकड़ लिया और अपने ऊपर खींच लिया और मेरे होटों को चूसने लगी।
थोड़ी देर में मुझे मजा आने लगा, मेरा दर्द कम हो गया और मैं धीरे धीरे अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा। 5-6 धक्कों में लंड पूरा अन्दर चला गया और वो जोर-जोर से चिल्लाने लगी- हाय मैं मर गई ! मुझे और तेज चोदो !
मुझे भी मजा आने लगा और मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। लगभग 15 मिनट बाद मैं झड़ गया और सारा माल उसकी चूत में ही निकाल दिया।
वो धीरे-धीरे मुस्कुराने लगी और बोली- आज मुझे असली मजा आया है ! आज के बाद मैं तुम्हारी हूँ ! तुम जब चाहो मुझे चोद सकते हो ! मेरी चूत हर वक़्त तुम्हारी राह देखेगी !
और उसके बाद उसने अपने कपड़े पहने और अपनी हालत ठीक करके चली गई। जाते-जाते उसने मुझे एक बहुत लम्बी किस करी और बोली- मैं हर वक़्त तुम्हारे लण्ड का इन्तजार करुँगी।
उसके बाद मैंने अपने कपड़े पहने और सोचने लगा- क्या सच में मैंने उसे चोदा है? मुझे अब भी विश्वास नहीं हो रहा था कि मैंने प्रीति को चोदा है।
उसके बाद जब भी हमें मौका मिलता था, हम एक दूसरे में खो जाते थे। सैकड़ों बार मैंने उसकी चुदाई की।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताएं !
आपका अपना मित्र-साथी राज
raj25292@gmail.com
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