आन्टी की मालिश - Aunti Ki Malish
मेरा नाम राहुल है, मैं पहली बार अपनी ए़क कहानी आपको बताने जा रहा हूँ। यह कहानी एक सच्ची कहानी है।
मैं जब १८ साल का था तब गयारहवीं कक्षा में पढ़ रहा था। मेरा एक सुशील नाम का दोस्त (बदला हुआ नाम) दोस्त था। हम एक ही कक्षा में पढ़ते थे। मैं हर रोज उसके घर पढ़ाई करने जाता था। सुशील की माँ बहुत ही सेक्सी थी, उसका फिगर ३६/३२/३६ था। वो चलती तो क्या वाह .... वाह क्या कहूं मैं ! शब्द ही नहीं हैं।
गोरा रंग और काले बाल ! जी करता उसकी जुल्फों में खो जाऊँ ! क्या बताऊँ यारो कि कैसी थी वो !
जाने दो......
जब उसे मैं देखता था तब मेरा ६ इंच का लौड़ा खड़ा हो जाता था। रोज वो हमें पढ़ाती थी।
एक दिन मैंने स्कूल को दांडी मार दी क्योंकि मेरा सर बहुत दर्द कर रहा था। लेकिन मैं पढ़ाई करने के लिए आन्टी के घर चला गया। आन्टी घर में अकेली थी। अंकल काम पर गए थे और सुशील स्कूल में था।
मैं अन्दर घर में आया और अपना होम वर्क करने बैठा। तभी आन्टी ने पूछा- आज स्कूल क्यों नहीं गए?
तो मैंने कहा- मेरा सर बहुत दर्द कर रहा था आन्टी !
तभी आन्टी बोली- चलो ! मैं दबा देती हूँ !
मैंने कहा- जाने दो आन्टी अब ! कुछ नहीं, ठीक हो जाएगा।
आन्टी मान ही नहीं रही थी तो उन्होंने टाइगर बाम निकला और मेरे माथे लगाया।
मैंने कहा- बस करो आन्टी ! अब दर्द नहीं है।
फिर भी आन्टी ने बाम लगाया उनका हाथ लगते ही मैं रोमांचित हो उठा, मेरा लौड़ा खड़ा हो गया। आन्टी ने उसे देख लिया और मेरे तरफ देखती हुई हंसती रही।
आन्टी ने मुझसे कहा- कल हम गाँव गए थे तो बहुत घूमे तो उसकी वजह से मेरा पूरा बदन दर्द कर रहा है।
तो मैंने उनसे पूछा- मैं आपका बदन दबा दूँ?
तो आन्टी ने कहा- बड़ी मेहरबानी होगी !
तो आन्टी ने कहा- यहाँ नहीं, चलो बेडरूम में चलते हैं !
मैं उनके पीछे उनके बेडरूम में चला गया।
तभी आन्टी ने कहा- जरा रसोई से तेल तो लाना !
मैं तेल लेने रसोई घर में गया और तेल ले के कमरे में आया तो मैंने देखा कि आन्टी केवल पेटोकोट और ब्लाउज में सोफे पर लेटी हुई थी।उन्होंने कहा- शरमाओ मत ! अंदर आओ !
मैं अन्दर गया, उन्होंने उनके पास बैठने को बोला, मैं उनके पास बैठा, मुझे शर्म आ रही थी। मेरा लौड़ा पूरा खड़ा हो चुका था। अब मुझसे रहा जा नहीं था।
आंटी ने अपना पेटोकोट घुटने तक ऊपर किया, फिर मैंने धीरे धीरे उनकी जांघ पर तेल लगाना शुरू किया।
मेरा हाथ लगते ही आंटी भी उत्तेजित हो गई, उन्होंने पेटोकोट और ऊपर किया, मेरा हाथ और ऊपर गया। थोडी देर बाद मुझे पता ही नहीं चला कि मेरा हाथ आंटी की पैन्टी के पास पहुंच गया।
तभी आंटी ने पूछा- किसी लड़की को अब तक चोदा है क्या?
मैंने कहा- नहीं ! अब तक नहीं !
तो उन्होंने मुझे कहा- चलो, आज मैं तुझे चुदाई सिखाती हूँ !
मुझे अब भी शर्म आ रही थी।
फिर उन्होंने अपना ब्लाउज निकाला, मैं उनकी चूचियों की तरफ देखता ही रहा- हाय इतनी बड़ी बड़ी उनकी चूची !
फिर आंटी ने मेरे कपड़े उतारने के लिए कहा। मैंने अपने कपड़े उतारे। फिर आंटी ने अपनी जांघें फैलाई और मुझे उनकी गाण्ड चाटने को कहा। मैं बड़ी उत्तेजना से उनकी गाण्ड चाटने लगा। आंटी के मुँह से आवाज निकलने लगी- इ...स ..आ आ जरा धीरे !
मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था। फिर आंटी मेरा लंड चूसने लगी। क्या बताऊँ यारों- क्या मज़ा आ रहा था !
फिर आंटी ने मेरा लौड़ा ले के अपनी गांड में डाला। फिर मैंने जोर से आंटी की चुदाई की।
अब ४ साल हो गए, जब भी आंटी मुझे फोन करके बुलाती हैं तब तब मैं आंटी की चुदाई करने जाता हूँ। सुशील को यह बात अब तक मालूम नहीं है।
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